महिलाओं की सेक्सुअल प्रॉब्लम की बेहतरीन गाइड हिंदी में – Female Sexual Guide Hindi
मेरी समस्या यह है कि संभोग के दौरान और संभोग के बाद मेरी पत्नी के पेट में तेज दर्द होता है। हमने डॉक्टर को भी दिखाया है, लेकिन उन्होंने इसे सामान्य बताया है। कृपया उचित मार्गदर्शन दें।
संभोग के दौरान पत्नी के पेट में दर्द होने के कई कारण हो सकते हैं। वैजाइना में ड्राइनेस होना और महिला का क्लाइमेक्स तक नहीं पहुंचना इत्यादि पेट दर्द के कारण हो सकते हैं। पहले आप इन लक्षणों का पता लगाएं साथ ही यदि पत्नी क्लाईमेक्स तक नहीं पहुंच पा रही है तो आप इसमें सहयोग करें। फिर भी यदि समस्या से निजात नहीं मिलती है तो आपको किसी काबिल सेक्स थैरपिस्ट और यौन चिकित्सक की सलाह लेनी चाहिए।
महिलाओं में मासिक धर्म मेँ रुकावट के कारण?
समय पर मासिक धर्म न होने का कारण मस्तिष्क तथा भावनात्मक अवरोध भी हो सकता है। इसके अतिरिक्त शिशु जन्म, अधिक व्यायाम या शारीरिक वर्जन में तेज उतार-चढ़ाव आदि भी इस रोग के कारण हो सकते हैं। क्षयरोग, खून की कर्म, कुछ विशेष औषधियों का सेवन या हार्मोन्स का असंतुलन भी मासिक धर्म में रुकावट के कारण हो सकते हैं ।
महिलाओं में मासिक धर्म मेँ रुकावट के उपचार?
समय पर मासिक धर्म न होना स्वयं में कोई बहुत बड़ी समस्या नहीं है। इसका प्रभाव इतना ही होता है कि स्त्री उस समय तक गर्भ धारण नहीं कर सकती जब तक मासिक धर्म दोबारा न होने लगे। यदि किसी अन्य रोग के कारण समय पर मासिक धर्म न हो रहा हो तथा समस्या गम्भीर हो तो चिकित्सक से सलाह लेनी चाहिए। नियमित रूप से व्यायाम करना तथा संतुलित आहार मासिक धर्म सम्बंधी समस्याओं को दूर करने में सहायक होता है। अत्यधिक परिश्रम तथा डायटिंग से भी बचना चाहिए।
मासिक धर्म में व्यवधान आने पर कासनी के बीजों का काढ़ा बनाकर सेवन करना चाहिए। सर्दी अधिक लगने से बन्द हो जाने वाले मासिक धर्म या अनियमित मासिक धर्म को ठीक करने के लिए अदरक का रस गरम पानी में मिश्रित कर शहद या चीनी मिलाकर प्रतिदिन दो या तीन बार भोजन के बाद पीना चाहिए। 60 ग्राम सोरा के पत्तों का काढ़ा और अजवाइन के पत्तों का एक चम्मच रस मिश्रित कर दिन में तीन बार सेवन करने से मासिक धर्म नियमित होता है। यह रक्त की कमी से बन्द हुए मासिक धर्म को खोलने में भी सहायक है।
सर्दी आदि के कारण या युवा अविवाहिता लड़कियों में भय के कारण रुक जाने वाले मासिक धर्म के उपचार में कच्चा पपीता खाना लाभदायक है। केले के फूलों को पकाकर दही के साथ औषधि के रूप में सेवन करने से मासिक धर्म की सामान्य परेशानियां दूर होती हैं।
क्या ऑरल सेक्स घातक होता है?
प्रश्न : मेरी उम्र 26 साल है। मेरी शादी को पांच साल हो गए हैं। पहले मेरे पति ऑरल सेक्स (मुख मैथुन) नहीं करते थे पर अब वो पिछले कुछ महीनों (6-8 महीनों) से मुझसे ऑरल सेक्स करवाते हैं। क्या इससे मुझे किसी तरह की कोई प्रॉब्लम हो सकती है। कृपया सही मार्गदर्शन करें।
उत्तर : मुख मैथुन भी संभोग का ही एक प्रकार है। इससे स्त्री अथवा पुरुष को किसी तरह का नुकसान नहीं होता। सच्चाई यह है कि जितने जीवाणु (बैक्टीरिया) हमारे मुंह में होते हैं, उससे कई गुना कम पुरुष के लिंग अथवा योनि में होते हैं।
ऑरल सेक्स से पहले दोनों ही पार्टनरों को अपने गुप्तांगों की अच्छी तरह से सफाई करना चाहिए। यदि किसी व्यक्ति को हरपिस, सिफलिस आदि यौनजनित बीमारियां हैं तो कदापि मुख मैथुन नहीं करें। यदि आपको यह पसंद नहीं है तो इस संबंध में अपने पति से बात करें और उन्हें अपनी इच्छा से अवगत कराएं। निश्चित ही वे आपकी भावनाओं का सम्मान करेंगे।
सेक्स तो एंजोय करती हूं, लेकिन…
प्रश्न : मैं 35 सा की विवाहित महिला हूं। मैं अपने पति के साथ सेक्स तो एंजोय करती हूं, लेकिन पूरी तरह क्लाइमेक्स पर नहीं पहुंच पाती और यदि क्लाइमेक्स पर आती भी हूं तो काफी देर मैं। यह कोई बीमारी है या सामान्य समस्या कृपया उचित मार्गदर्शन दें।
उत्तर : चरमसुख पर नहीं पहुंच पाने की समस्या महिलाओं में आम है। आप अपने पार्टनर से अपनी समस्या के बारे में खुलकर चर्चा करें और उसे बताएं की आप क्लाइमेक्स तक नहीं पहुंच पातीं। संभोग से पहले फोरप्ले में ज्यादा समय बिताएं। इसके साथ ही अपने पार्टनर को यह भी बताएं कि आपको किन क्रियाओं से ज्यादा आनंद और संतुष्टि की अनुभूति होती है।
दूसरी ओर पुरुष को भी अपनी पार्टनर से इस बारे में चर्चा करना चाहिए कि वह उसे संतुष्ट कर पा रहा है अथवा नहीं क्योंकि आमतौर पर ऐसा होता है कि पुरुष स्खलित होने के बाद करवट बदलकर सो जाते हैं। उन्हें अपनी पार्टनर की चिंता नहीं रहती। यदि आपका पार्टनर आपकी इच्छानुसार आपको संतुष्ट करने में सफल होता है तो ठीक है अन्यथा आपको सेक्सोलॉजिस्ट की सलाह लेनी चाहिए।
स्तनों को बढ़ाने के 15 घरेलू उपाय…
बहुत सारी लड़कियाँ अपने स्तनों के आकार को लेकर चिंतित रहती हैं. और उनके स्तनों का आकार छोटा होने पर, उनमें हीन भावना घर कर जाती है. तो आइए जानते हैं कुछ ऐसे तरीके जिन्हें आजमा कर आप अपने स्तनों का आकार बिना किसी साइड इफ़ेक्ट के बढ़ा पाएंगी.
ब्रेस्ट का आकार बढ़ाने के घरेलू टिप्स :
1)- हर दिन व्यायाम कीजिए, इसके लिए आपको हर दिन सही तरीके से पुश अप करना होगा.
2)- अगर आप व्यायाम अच्छे से नहीं करेंगी, तो व्यायाम से आपको फायदा नहीं के बराबर पहुँचेगा.
3)- दिन में 3 बार 15-15 पुश अप्स कीजिए.
=>पुश अप्स करने के लिए पेट के बल जमीन पर लेट जाइए, फिर अपने शरीर का वजन हाथों और घुटनों पर रखें.
इसके लिए आपको हथेली के बल पर अपने शरीर को उठाना पड़ेगा, ध्यान रहे कि आपके दोनों हाथ कंधों के नीचे रहें.
कमर सीधी रखें. फिर अपनी कुहनियों को मोड़ें और सीने को फर्श के नजदीक लाएं.
फिर वापस पहले वाली स्थिति में लौट जाएँ. इसी प्रक्रिया को बार-बार दोहराएँ. यही प्रक्रिया पुश अप कहलाती है.
4)- हर दिन, रात में सोने से पहले बादाम के तेल से अपने स्तनों पर 5-10 Minute मालिश करें.
5)- हर दिन 1 मुट्ठी अखरोट खाने के बाद 1 ग्लास दूध पिएँ.
6)- 2 चम्मच प्याज, 1/4 चम्मच हल्दी पाउडर और 1 चम्मच शहद लीजिए, इन्हें आपस में मिलाकर लेप बना लीजिए. इस लेप को रात में सोने से पहले अपने स्तनों पर गोल-गोल घुमाते हुए मालिश कीजिए.
7)- समय से भोजन कीजिए और ध्यान रखें भोजन पौष्टिक होना चाहिए.
8)- फल, हरी सब्जियों और अंकुरित अनाज को अपने भोजन में शामिल करें.
9)- सेम, मटर और सोयाबीन को अपने हर दिन के भोजन में शामिल करें. यह आपके स्तनों के ऊतकों के विकास में मदद करेगा.
10)- विटामिन युक्त चीजें ज्यादा खाएँ, इससे आपके स्तन का आकार बढ़ेगा. कुछ समय बाद आप अपने स्तनों के आकार में फर्क महसूस करेंगी.
11)- खून और आयरन बढ़ाने के लिए खजूर, चुकन्दर, किशमिश पालक, पत्ताम गोभी, गोभी, शलजम और शकरकंद खाएँ.
12)- यह सुनिश्चित करें कि आपके पीरियड्स नार्मल आएँ. अनियमित पीरियड्स के कारण भी स्तनों के विकास में समस्या होती है.
13)- हर दिन फास्टफूड खाने की आदत को अलविदा कहिए.
14)- अगर आपका शरीर दुर्बल है, तो पहले इस दुर्बलता को दूर कीजिए. क्योंकि तभी आपके स्तनों का विकास हो पाएगा, जब आपके शरीर की दुर्बलता दूर होगी.
15) – अगर आपके स्तनों का आकार धीरे-धीरे बढ़ रहा है, तो चिंतित न हों क्योंकि कई लोगों का शरीर दूसरों के शरीर से अलग होता है.
16) – गर्भवती होने के बाद स्तनों का आकार बढ़ जाता है.
श्वेत प्रदर / सफेद पानी के 22 घरेलू इलाज
स्त्रियों की योनी से सफेद पानी का बहना एक साधारण समस्या है. इसमें योनी से पानी जैसा स्त्राव होता है. य़ह खुद कोई रोग नहीं है. लेकिन यह स्त्रियों के लिए बड़ी परेशानी का सबब बन जाता है. इसके कारण चिड़चिड़ापन, पैर-हाथ में दर्द इत्यादि का सामना करना पड़ता है. तो आइए हम जानते हैं कि घरेलू उपायों द्वारा कैसे श्वेत प्रदर को खत्म किया जा सकता है. आपको क्या-क्या करना चाहिए और क्या-क्या नहीं.
श्वेत प्रदर ( सफेद पानी ) की समस्या खत्म करने के घरेलू उपाय :
- 1)- हर दिन कच्चा टमाटर खाना शुरू करें.
- 2)- सुबह-शाम 2 चम्मच प्याज का रस और उतनी हीं मात्रा में शहद मिलाकर पिएँ.
- 3)- जीरा भूनकर चीनी के साथ खाने से फायदा होगा.
- 4)- आंवले का रस और शहद लगातार 1 महीने तक सेवन करें. इससे श्वेत प्रदर ठीक हो जायेगा.
- 5)- हर दिन केला खाएँ, इसके बाद दूध में शहद डालकर पिएँ. इसके आपकी सेहत भी अच्छी होगी और श्राव के कारण होने वाली कमजोरी भी दूर होगी. कम-से-कम तीन महीने तक यह उपाय करें, दूध के ठंडा हो जाने के बाद उसमें शहद डालें.
- 6)- कच्चे केले की सब्जी खाएँ.
- 7)- अगर आपके शरीर में खून की कमी है, तो खून बढ़ाने के लिए हरी सब्जियाँ, फल, चुकन्दर इत्यादि खाएँ.
- 8)- 1 केला लें, उसे बीच से काट लें. उसमें 1 ग्राम फिटकरी भर दें, इसे दिन या रात में एक बार खाएँ. लेकिन ध्यान रखें कि अगर दिन में खाना शुरू किया तो, दिन में हीं खाएँ. और अगर रात में खाना शुरू किया हो, तो रात में हीं खाएँ. 9
- )- तले-भूने चीज या मसालेदार चीज नहीं के बराबर खाएँ.
- 10)- योनी की साफ-सफाई का ध्यान रखें.
- 11)- मैदे से बनी चीजें न खाएँ.
- 12)- एक बड़ा चम्मच तुलसी का रस लें, और उतनी हीं मात्रा में शहद लें. फिर इसे खा लें. इससे आपको आराम मिलेगा.
- 13)- . अनार के हरे पत्ते लें, 25-30 पत्ते…. 10-12 काली मिर्च के साथ पीस लें. इसमें आधा ग्लास पानी डालें, फिर छानकर पी लीजिए. ऐसा सुबह-शाम करें.
- 14)- भूने चने में खांण्ड (गुड़ की शक्कर) मिलाकर खाएँ, इसके बाद 1 कप दूध में देशी घी डाल कर पिएँ.
- 15)- 10 ग्राम सोंठ का, एक कप पानी में काढ़ा बनाकर पिएँ. ऐसा एक महीने तक करें.
- 16)- पीपल के 2-4 कोमल पत्ते लेकर, पीस लें. फिर इसे दूध में उबालकर पिएँ.
- 17)- 1 चम्मच आंवला चूर्ण लें और 2-3 चम्मच शहद लें. और इन्हें आपस में मिलाकर खाएँ. ऐसा एक महीने तक करें.
- 18)- खूब पानी पिएँ.
- 19)- सिंघाड़े के आटे का हलुआ और इसकी रोटी खाएँ.
- 20)- 3 ग्राम शतावरी या सफेद मूसली लें, फिर इसमें 3 ग्राम मिस्री मिलाकर, गर्म दूध के साथ इसका सेवन करें.
- 21)- नागरमोथा, लाल चंदन, आक के फूल, अडूसा चिरायता, दारूहल्दी, रसौता, इन सबको 25-25 ग्राम लेकर पीस लें. पौन लीटर पानी में उबालें, जब यह आधा रह जाय तो छानकर उसमें 100 ग्राम शहद मिलाकर दिन में दो बार 50-50 ग्राम सेवन करें.
- 22)- माजू फल, बड़ी इलायची और मिस्री को बराबर मात्रा में पीस लें. एक सप्ताह तक दिन में तीन बार लें. एक सप्ताह के बाद फिर दिन में एक बार 21 दिन तक लें.
ब्रा से जुड़ी महत्वपूर्ण 26 जानकारियाँ .
ब्रा हर स्त्री के लिए एक महत्वपूर्ण वस्त्र है, लेकिन अधिकतर महिलाओं को ब्रा के बारे में बहुत कम जानकारी होती है. और ब्रा के बारे में कम जानकारी रखना उन्हें किस तरह महंगा पड़ता है, ये बात उन्हें पता तक नहीं चलती है. इस आर्टिकल में हम आपको ब्रा से जुड़ी महत्वपूर्ण जानकारियाँ बताने वाले हैं. कई छोटी-मोटी बातें जिन पर आपका ध्यान जाता हीं नहीं होगा और ब्रा से जुड़ी वैसी बातें जिन्हें नजरंदाज करना आपको बाद में महंगा पड़ सकता है.
ब्रा से जुड़ी महत्वपूर्ण जानकारियाँ :
- 1)- ब्रा पहनने के बाद होने वाले जलन से बचने के लिए सूती लाइनिंग वाली ब्रा खरीदें.
- 2)- ब्रा चुनते वाट यह सुनिश्चित करें कि आप ब्रा के साइज़, आकार तथा उसके कम्फर्ट लेवल से संतुष्ट हैं या नहीं.
- 3)- सस्ते के चक्कर में घटिया गुणवत्ता वाली ब्रा कभी नहीं खरीदें. घटिया ब्रा आपके स्तनों को नुकसान हीं पहुंचायेंगी.
- 4)- एक हीं ब्रा को 1 दिन से अधिक दिनों तक कभी न पहनें. इससे ब्रा की फिटिंग लम्बे समय तक बरकरार रहेगी और ब्रा लम्बे समय तक चलेगी.
- 5)- आपको अपने अपने हमेशा 3-4 ब्रा रखनी चाहिए ताकि आप इन्हें बदल-बदलकर पहन सकें.
- 6)- पूरी तरह से सूखी हुई ब्रा हीं पहनें, हल्की सी भी भींगी ब्रा न पहनें.
- 7)- बिना अपने ब्रेस्ट का आकार जाने किसी भी आकार का ब्रा खरीदने की भूल कभी न करें.
- 8)- लगभग एक हीं ब्रेस्ट आकार वाली महिलाओं के लिए एक तरह का ब्रा अच्छा हो ऐसा जरूरी नहीं है.
- 9)- एक अच्छी तरह से फिट ब्रा स्तनों को बैंड के द्वारा 90 % तक और स्ट्रैप्स 10 % सहारा देते हैं.
- 10)- अगर आपको आपकी वर्तमान ब्रा पहने में तकलीफ हो रही है. तो तुरंत अपना ब्रा बदलें.
- 11)- ब्रा पहने बिना सोने से स्तनों के आकार में कोई नकारात्मक प्रभाव नहीं पड़ता हैबल्कि ब्रा पहनकर सोने से कई प्रकार की तकलीफें होने का खतरा बन जाता है.
- 12)- अच्छे लुक के चक्कर में कभी भी कम्फर्ट से समझौता न करें. यानि आप वही ब्रा खरीदें, जिसे पहनने के बाद आप आरामदायक महसूस करें, न कि ऐसी ब्रा खरीदें… जो केवल देखने में अच्छी लगे.
- 13)- 1 साल में आपको कम-से-कम 2 बार अपनी ब्रा का साइज चेक करना चाहिए.
14)- ब्रा को कभी भी मशीन या फिर ड्राई क्लीन से न धोएँ. ब्रा को हमेशा अपने हाथों से साफ करें. हाथ से धोने से ब्रा की साइज बड़ी नहीं होती है. - 15)- अगर कप के ऊपर की तरफ से आपके स्तन बाहर निकल रहें हों, तो ब्रा का ये साइज़ आपके लिए छोटा है.
- 16)- एक सही ब्रा वही है जिसे पहनने के बाद निपल्स आगे की तरफ और आपके ऊपरी बाजू से आधी दूर पर टिके रहें.
- 17)- अगर आपकी ब्रा बहुत ज़्यादा ढीली होगी तो ब्रा पीछे की तरफ ऊपर उठ जाएगी और सही सपोर्ट नहीं मिलेगा.
- 18)- अगर ब्रा के कप का फैब्रिक सिकुड़ जाए, तो वो कप साइज़ आपके लिए बड़ा है.
- 19)- जब भी ब्रा खरीदने जाएँ, तो सही शेप वाली शर्ट पहनें. हाई-कॉलर्ड या लूज़ शर्ट में ब्रा और क्लीवेज़ का सही लुक मालूम नहीं चल पाएगा. इसीलिए फिटेड शर्ट पहनें ताकि ब्रा से मिलने वाले अलग-अलग शेप आसानी से मालूम चल जाए.
- 20)- स्ट्रैपलेस ब्रा की को कप साइज़ के हिसाब से चुनें ताकि ये आपके ब्रेस्ट में चुभे नहीं और न हीं ऊपर उठे. इस बात का ध्यान रखें कि इसका बैंड काफी मज़बूत हो ताकि ये आपके चेस्ट पर अच्छी तरह फिट हो जाए.
- 21)- अंडरवायर और एक्सट्रा सपोर्ट – भारी और बड़े स्तनों वाली महिला को अंडरवायर ब्रा या ऐसे ब्रा जिसमें चौड़े बैंड्स और मोटे स्ट्रैप्स के रूप में एक्सट्रा सपोर्ट हो, की ज़रूरत पड़ती है. अंडरवायर ब्रा क्लीवेज़ को भी स्थिरता देती है.
- 22)- ब्रा को जबरदस्ती फिट करने की कोशिश न करें, इस बात को स्वीकार करना सीखें कि एक महिला के स्तनों के आकार में समय के साथ परिवर्तन होता रहता है.
- 23)- सालों से अगर आप पूरे दिन टाइट या अंडरवायर ब्रा पहन रही हैं तो ये आपके ब्रेस्ट टीश्यू को कमजोर कर देगा, जिससे ब्रेस्ट कैंसर होने की संभावना बढ़ जाएगी. अगर आप ऐसे ब्रा पहनती हों तो इन्हें नियमित अन्तराल में बदलते रहें और अगर सम्भव हो तो घर में रहने के दौरान ब्रा न पहनें और रात में सोते वक्त तो ब्रा बिल्कुल भी न पहनें.
- 24)- ब्रा का बैंड आपके बैक में सही फिट होना चाहिए.
- 25)- वैसा ब्रा हीं खरीदें, जिसके स्ट्रैप्स को आवश्यकता के अनुसार घटाया या बढ़ाया जा सके. ताकि वह ढीला होकर कंधे से नीचे न गिरे.
- 26)- अगर आपका कंधा छोटा है तो आप टी-बैक या रेज़र बैक ब्रा खरीदने के जगह रेसरबैक ब्रा खरीद सकती हैं.
स्तनों को छोटा करने के 19 घरेलू उपाय.
एक ओर स्तनों का आकार छोटा होना, जहाँ स्त्रियों में हीन भावना भर देता है, तो दूसरी ओर स्तनों का आकार बहुत बढ़ जाना भी उनके लिए परेशानियाँ पैदा करता है. स्तनों का आकार न तो बहुत छोटा होना चाहिए और न तो बहुत बड़ा. स्तनों का आकार ज्यादा बढ़ जाने से महिलाओं को रीड़ की हड्डी और कंधे में दर्द की समस्या हो सकती है, कई अन्य समस्याओं का उन्हें सामना करना पड़ता है. तो आइए जानते हैं कि कौन से उपाय और तरीके आजमाकर आप अपने स्तनों का आकार कम कर सकती हैं. क्या-क्या चीजें आपको करनी होंगी और क्या-क्या नहीं.
स्तनों (ब्रेस्ट) का आकार कम करने के उपाय :
1)- अगर आप मोटापे से ग्रस्त हैं, तो पहले अपना वजन कम कीजिए. वजन कम किये बिना मोटी स्त्रियों के स्तनों का आकार कम नहीं हो सकता है.
2)- सही फिटिंग वाली ब्रा पहनिए, सही फिटिंग वाले ब्रा स्तनों को बेडौल होने से रोकते हैं.
3)- पैकेट बंद और डिब्बा बंद चीजें, तली हुई चीज़ें कम खाइए.
4)- हर दिन कार्डियो एरोबिक्स करना शुरू कीजिए, इससे आपके स्तनों की चर्बी कम होगी.
5)- साइकलिंग या ब्रिस्क वाक करने से भी ब्रेस्ट का आकार प्राकृतिक तरीके से कम होता है.
6)- अगर आप ऐसे डांस स्टेप्स करती हैं, जिससे छाती के हिस्से में मूवमेंट होती हो, तो यह भी स्तन का
आकार कम करने में मदद करेगा.
7)- मसाज के जरिए भी स्तनों की चर्बी को कम किया जा सकता है. हालांकि इस तरीके से स्तनों का आकार
कम होने में थोड़ा लम्बा समय लगेगा. मसाज के लिए आप किसी भी प्राकृतिक तेल का उपयोग कर सकती हैं.
8)- एक कप गर्म पानी में पीसा हुआ अदरक और एक चम्मच शहद मिलाकर पिएँ. यह स्तनों की चर्बी को कम
करने का एक असरदार तरीका है.
9)- एक दिन में 2 बार ग्रीन टी पीने से स्तनों के आकार को कम करने में मदद मिलती है.
10)- सप्ताह में दो बार, अंडे के सफेद भाग में एक चम्मच प्याज का रस मिलाकर पीने से आपके स्तनों में
कठोरता आएगी और इसका आकार कम दिखने लगेगा.
11)- एक मुठ्ठी नीम के पत्ते को उबाल लें, फिर इसमें थोड़ी हल्दी और एक चम्मच शहद मिला दलें.
फिर पानी के साथ इसे खाएँ, कुछ सप्ताह में असर दिखना शुरू हो जायेगा.
12)- खाना समय से खाएँ और पेट भरने से थोड़ा कम खाना खाएँ.
13)- घर का खाना खाइए और जंक फ़ूड बिल्कुल मत खाइए.
14)- पूरी नींद लीजिए और सुबह जल्दी उठकर व्यायाम कीजिए. सुबह-सुबह सैर पर जाइए.
15)- दिन में दो बार शौच जाने की आदत डालिए, एक बार सुबह-सुबह और एक बार रात में सोने से पहले.
16)- ताम्बे के जग में रात में पानी रखें और सुबह उठकर बिना मुँह धोए जग में रखे पानी को पिएँ, फिर शौच जायें. इससे आपके शरीर की सारी गंदगी साफ हो जाएगी.
17)- अगर आप वर्किंग वीमेन हैं, तो आपको खास तौर पर शारीरिक श्रम करना चाहिए.
18)- ध्यान रखें अगर आपके बड़े स्तनों का कारण आनुवांशिक है, तो इसका आकार एक हद तक हीं कम होगा.
19)- अर्द्ध चक्रासन कीजिए. सीधे खड़े होकर अपने हाथों को एक साथ ऊपर की ओर फैलाइए. हथेलियों की मुटठी बांध लीजिए. हथेलियों को एक साथ मिलाएं. अपने शरीर को ऊपर की ओर खींचें, यह सुनिश्चित करें कि कंधे कान को छुएं. गहरी सांस लें, अपने शरीर को कूल्हों के सहारे ऊपर की ओर ले जायें. अपने घुटनों को मोड़ें. यह आसन 1 या 2 minute के लिए करें.
20)- आप स्विमिंग भी कर सकती हैं.
औरतों की छाती से जुड़े तथ्य.
1)- ज्यादातर महिलाओं का बायाँ स्तन, दाहिने स्तन से बड़ा होता है.
2)- लड़की को पहली बार पीरियड आने के बाद 2-4 साल में स्तन पूरी तरह से विकसित हो जाते हैं.
3)- पुरुषों को भी स्तन कैंसर होता है.
4)- स्तन कैंसर दूसरा सबसे अधिक जान लेने वाला कैंसर है.
5)- वजन को नियंत्रित रखकर, नशा न करके, स्तन में गांठ की जाँच करके स्तन कैंसर से बचा जा सकता है.
6)- सबसे बड़े साइज की Bra L और सबसे छोटी साइज की bra AAA है.
7)- पूरी दुनिया में 70% महिलाएँ अपने स्तनों के आकार से खुश नहीं हैं.
8)- स्तन कैंसर का विवरण 3500 वर्ष पुराने अभिलेखों में भी मिलता है.
9)- गर्भावस्था के दौरान निकलने होने वाला हार्मोन Nipples के रंग को गाढ़ा या काला कर देता है. लेकिन इस रंग परिवर्तन से कोई खतरा नहीं होता है.
10)- 80% पुरुष जब भी किसी महिला से पहली बार मिलते हैं तो उसके स्तनों को निहारते हैं.
11)- 40 वर्ष से अधिक उम्र की महिलाओं में स्तन कैंसर का खतरा ज्यादा बढ़ जाता है.
12)- कुछ लोगों में 3 Nipple पाए जाते हैं.
13)- कुछ महिलाएँ केवल Nipple के सहलाने से ही Orgasm तक पहुंच जाती हैं.
14)- महिलाओं के स्तनों का वजन लगभग 500 gm होता है.
15)- 80% महिलाएँ गलत आकार की Bra पहनती हैं.
16)- चीन में Bra स्टडीज़ में भी डिग्री मिलती है.
17)- प्राचीन रोम में महिलाएँ काम करने के दौरान अपने स्तनों पर पट्टी बांधा करती थी.
18)- बच्चे को दूध पिलाने से दिल की बीमारी व स्तन कैंसर से माँ का बचाव होता है.
19)- स्तनपान करवाना माँ में सकारात्मक बदलाव लाता है.
20)- हर दिन 40,00,000 से ज्यादा ब्रा का उत्पादन होता है.
21)- निप्पलस से तब भी तरल पदार्थ निकल सकते हैं, अगर आप स्तनपान न करवा रही हों.
22)- इन्सान के स्तनों का दूध, गाय के दूध से मीठा होता है.
23)- खेलते समय या व्यायाम करते समय Sports bra नहीं पहनने से आपके निप्पलस को नुकसान पहुँच सकता है.
24)- पेट के बल सोने से आपके स्तनों का आकार Change हो सकता है.
25)- दुनिया में 8 तरह के nipple होते हैं.
26)- लड़कियाँ भी अपने स्तनों को ऐसे ही देखती हैं, जैसे लड़के देखते हैं.
27)- Hollywood Actress “Angelina Jolie” के breast cancer की खबर मिलने के बाद ब्रेस्ट कैंसर चेकअप करवाने वाली महिलाओं की संख्या दोगुनी हो गई थी.
28)- दुनिया की 50% महिलाएँ Breast Cancer की जाँच नहीं करवाती हैं.
29)- पुरूषों के भी nipple इसलिए होते हैं, क्योकिं शुरूआत में सभी भ्रूण Female होते हैं.
30)- महिलाओं के स्तनों को दबाने पर जो हार्मोन रिलीज होता है, वही हार्मोन गले लगाने पर भी रिलीज होता है.
31)- सिगरेट और शराब पीने वाली महिलाओं के स्तन बेडौल हो जाते हैं.
32)- वजन बढ़ने से स्तनों का आकार बढ़ जाता है और वजन कम करने से स्तनों का आकार घट जाता है.
33)- पुरुषों का निप्पल भी उतना हीं संवेदनशील होता है जितना सम्वेदनशील महिलाओं का निप्पल होता है.
34)- सोते समय महिलाओं के nipple भी sex की वज़ह से लिंग की तरह उत्तेजित्त हो जाते हैं.
ब्रा साइज़ नापने के 11 टिप्स
अगर आप पहली बार ब्रा खरीदने जा रही हैं या आपके स्तनों का आकार बदल गया है, या आपकी ब्रा आपको कम्फ़र्टेबल नहीं लग रही है. तो इसके लिए आपको अपने स्तनों का नाप खुद लेना चाहिए, उसके बाद सही आकार की ब्रा खरीदनी चाहिए. आप अपने स्तनों का सही माप घर पर हीं ले सकती हैं. यह लेख आपको बताएगा कि आप अपने स्तनों का सटीक माप कैसे ले सकती हैं, ताकि आपकी ब्रा आपको बिल्कुाल फिट हो. इस लेख में हम आपको ब्रा साइज मापने का तरीका बतायेंगे, साथ हीं आपको ब्रा का कप साइज नापने का तरीका बतायेंगे. ये छोटी-छोटी बातें आपको सही ब्रा साइज़ चुनने में मदद करेंगी. तो आइए जानते हैं कि आप अपनी सही ब्रा साइज़ कैसे जान सकती हैं.
1)- स्तनों का आकार नापने का तरीका- एक कपड़े नापने वाला टेप लें. अब अपने ब्रेस्ट के नीचे टेप को ले जाएँ, टेप के एक सिरे को ब्रेस्ट के नीचे से ले जाकर… पीठ की ओर से ले जाकर टेप के दूसरे सिरे से मिला दें. अब जितना टेप में जितना नंबर आए उसमें 5 और जोड़ें.
उदाहरण के लिए आपके ब्रेस्ट का टेप के हिसाब से नाप है : 29 अब इसमें और 5 जोड़ दें तो आएगा 34 मतलब की आपका ब्रा साइज है 34.
उदाहरण के लिए आपके ब्रेस्ट का टेप के हिसाब से नाप है : 26 अब इसमें और 5 जोड़ दें तो, यह आएगा 31. मतलब की आपका ब्रा साइज है 32.
2)- ब्रा कप साईज नापने का तरीका- अब आप अपने ब्रेस्ट के सबसे उभार वाले भाग की नाप लें, जिसको “बस्टलाईन” कहते हैं . इसकी नाप लेते वक्त आपके हाथ एकदम नीचे होने चाहिए. आपके बस्टलाईन की नाप आपके ब्रा चेस्ट साईज नाप से ज्यादा होगी .
3)- कप साइज़ कैसे जानें : आपके ब्रा चेस्ट साईज नाप और बस्टलाईन की नाप का अंतर ही आपका ब्रा कप साईज है .
हर एक इंच के फर्क पर, आप उससे एक बड़ा कप साइज़ लें. 1” A कप साइज़ होगा, 2” B साइज़ और ऐसे ही आगे बढ़ाते चलें.
उदाहरण के लिए आपके बस्टलाईन की नाप है : और आपका ब्रा चेस्ट साईज नाप है (27” + 5”) अंतर हुआ 34 – 32 = 2 इसलिए आपके ब्रा का कप साईज हुआ “B cup”.
4)- लड़कियां ब्रा कप साईज कैसे मापें
Cup Size Difference
AA कप ½ इंच
A कप 1 इंच
B कप 2 इंच
C कप 3 इंच
D कप 4 इंच
5)- कप साइज़ और बैंड साइज़ का सम्बन्ध : जैसे-जैसे बैंड साइज़ बढ़ेगी वैसे-वैसे कप साइज़ भी बढ़ेगी. Example : 36C के ब्रा का कप साइज़ 34C के ब्रा के कप साइज़ से बड़ा होता है.
6)- यदि आप छोटा बैंड साइज़ चाहती हैं, तो बड़ा कप साइज़ चुने. Example : अगर आपको लग रहा है कि 36B का ब्रा ढीला है तो आप 34C का ब्रा चुन सकती हैं.
योनि के बाल कैसे साफ करें .
अपने private hair के बारे में हम कभी भी खुल कर नहीं बोल पाते, कारण – झिझक और embarrassment। पर उन बालों को लेकर सिर्फ़ आप ही परेशान नहीं हैं। तो आज हम आपको बता रहै हैं कि उन बालों से कैसे deal किया जाए। 5 ऐसे तरीके जो आपको उन बालों से निज़ात दिलाएंगे – आप जानें कि आपके लिए क्या बेहतर है।
1. शेविंग – ये hair-removal का सबसे आसान तरीका है। पर अगर इसे ठीक से न किया जाए तो जलने व कटने की संभावना रहती है। सेंसिटिव स्किन वाली महिलाओं को शेव के 1-2 दिन बाद भी itching हो सकती है। अगर आप शेव कर रही हैं तो ध्यान रहे कि रेज़र अच्छी क्वालिटी का हो और ब्लेड पुराना न हो। एक ब्लेड को 2-3 बार से ज्यादा न इस्तेमाल करें।
2. Electrolysis भी है विकल्प – अगर आप चाहती हैं कि इन बालों से एक बार में ही हमेशा के लिए पीछा छूट जाए तो electrolysis आपके काम की चीज़ है। Electrode से बालों को जड़ से खत्म किया जाता है जिससे वो दोबारा उग न सकें। सारे बाल खत्म करने के लिए करीब 25 sittings लेनी पड़ती हैं (ये आपके बालों की thickness और density पर भी निर्भर करता है)। लेकिन इसे हां कहने से पहले अपने dermatologist की सलाह लेना न भूलें।
3. Laser treatments के बारे में क्या ख्याल है – इससे पहले कि आप ये ट्राय करें हम आपको बताते हैं कि ये है क्या। इस treatment में एक लेज़र device का प्रयोग किया जाता है जिसकी pulsed beams आपके hair follicles को खत्म कर देती हैं। ये उतना डरावना या खतरनाक नहीं है जितना कि लगता है, लेकिन आपको कुछ बातों का ख्याल रखने की ज़रूरत है। Treatment के वक्त आप और डॉक्टर दोनों को चश्मे पहनने होंगे ताकि उन rays से आपकी आंखों को कोई नुकसान न हो। ट्रीटमेंट के बाद आपको कुछ lotions और ice-packs से अपने स्किन का खास ख्याल रखना होगा। इस ट्रीटमेंट के लिए आपको 1-1 हफ्ते के गैप के साथ 5-6 sittings लेनी होंगी और ये दूसरे options के मुकाबले थोड़ा महंगा भी है। लेकिन लम्बी रेस के लिए इसे काम में लाया जा सकता है।
4. Hair-removal creams भी तो हैं – इनकी सबसे अच्छी बात ये है कि ये बिल्कुल भी painful नहीं होतीं पर साथ ही ये हर स्किन को सूट भी नहीं करतीं। अगर आप ये creams ट्राय करती हैं तो box पर लिखे instructions को इग्नोर न करें। अगर आप खुजली या जलन महसूस करती हैं तो तुरंत उसे wash करें। पहली बार ‘वहां’ ट्राय करने से बेहतर है कि पहले शरीर के किसी दूसरे हिस्से पर लगा कर स्किन टेस्ट ले लें। ये creams न तो महंगी होती हैं और न ही ये आपका ज्यादा समय लेती हैं।
5. Waxing – वही पुराना फॉर्मुला – अगर आप थोड़ा-बहुत दर्द बर्दाश्त कर सकती हैं तो ये तरीका आप पर आज़माया जा सकता है। इसके बाद आपको मिलती है साफ और मुलायम त्वचा। पर ये खुद से ट्राय करने का रिस्क न लें। किसी bikini wax expert की मदद लें।
तो ऐसे करें अपने उन बालों की छुट्टी!
एक बार के सम्भोग या सहवास से गर्भधारण की कितनी सम्भावना रहती है?
एक बार असुरक्षित सम्भोग से गर्भधारण की सम्भावना व्यक्ति व्यक्ति के साथ बदलती है तथा की माहवारी चक्र की कौन सी स्थिति है इस पर निर्भर करता है। अण्डोत्सर्ग के आसपास के समय में सम्भावना सब से अधिक रहती है अर्थात माहवारी चक्र के 14 वें दिन (रक्तस्राव रूकने के 7 से 10वें दिन)। इन दिनों में एक बार सम्भोग करने से औसतन एक तिहाई औरतें गर्भवती हो जाती हैं।
सहवास में यदि कोई पुरूष वीर्य निष्कासन से पहले अपने लिंग को निकाल ले या पूरी तरह अन्दर न डाले तो क्या फिर भी औरत गर्भवती हो सकती है?
दुर्भाग्य से, अगर कोई पुरूष अपने लिंग को पूरी तरह न डाले या वीर्य निष्कासन के समय बाहर निकाल लें, औरत तब भी गर्भधारण कर सकती है। ऐसा इसलिए कि सम्भोग से पहले या दौरान में लिंग से जो तरल पदार्थ निकलता है उस में शुक्राणु हो सकते है। यदि यह तरल पदार्थ औरत की योनि के अन्दर या आसपास पहुँच जाता है तो अन्दर भी जा सकता है और महिला गर्भधारण कर सकती है।
हाइमन झिल्ली क्या होती है? क्या हाइमन झिल्ली का सही होना कुंआरेपन की निशानी है?
यह पतला सुरक्षा परक लचीला मैमब्रन या त्वचा की एक स्ट्रिप (पट्टी) होती है जो कि योनि द्वार को थोड़ा ढक देती है। जब आप किशोरावस्था पर पहुंचती है यह झिल्ली आसानी से खिंचने वाली हो जाती है, पर यह झिल्ली कई तरीकों से फट सकती है जैसे कि साईकल चलाने से। यदि किसी की झिल्ली सही न हो तो इसका यह अर्थ नहीं है कि लड़की कुँआरी नहीं है। याद रखें, जब तक आप यौनपरक सम्भोग नहीं करतीं आप कुँआरी हैं।
लड़की के स्तन को सुडौल बनाने के आयुर्वेदिक धरेलू उपाय
आयुर्वेद में उपाय – लसोडे की पत्तियों का सत्व, छोटी इलायची, कमल गट्टे की मिंगी का पावडर, अनार का पांचांग (जड़, डंढल, पत्ता फूल, फल या अनार के छिलके) माजूफल, शतावरी सबको मिला कर उसका लेप तैयार कर लें। अब स्तन पर लेप करें। ये लेप त्वचा के भीतर तक जाकर स्तनों की मांसपेशियों को पुष्ट बनाते हैं।
अनार पांचांग तेल ये भी स्तनों के विकास के लिये जरूरी है। इस तेल से नियमित दिन में दो बार मालिश करते रहें। स्तन फिर से सुडौल होने लगेंगे। अनार तेल के मसाज से कोशिकाओ में रक्त संचार तेजी से शुरू होता है। स्तनों की मांस पेशिययों में तंतुओं की मात्रा बढ़ने लगती है। स्तन में मजबूती व कठोरता आने लगती है। ये उपयोग लगातार एक माह तक अवश्य करें।
नोट – यदि अनार तेल न मिले, तो ऊपर बताया गया पांचांग का मतलब उसे लेकर सरसों के तेल में पकायें सत आ जाने पर छानकर रख लें।
स्तनों पर सरसों के तेल से करीब आधा घंटा हल्के हाथ से मालिश करें। नीचे से ऊपर की ओर करें। फिर दस पंद्रह ठंडे पानी की पट्टियां एक के बाद एक रखते रहें। स्तन का आकार बढ़ेगा।
नोट – स्तनों की मालिश हमेंशा नीचे से ऊपर की ओर ही करनी चाहिये।
गर्भधारण के प्रारम्भिक लक्षण क्या हैं?
सामान्यतः औरतें माहवारी के न होने को गर्भधारण की सम्भावना से जोड़ती हैं, परन्तु गर्भधारण की प्रारम्भिक स्थिति में जो अन्य लक्षण एवं चिन्हों का अनुभव भी अधिकतर महिलाएं करती हैं इन में शामिल हैं –
- (1) स्तनों में सूजन महसूस करना, ढीलापन या दर्द
- (2) घबराहट एवं उल्टी जिसे कि पारम्परिक रूप से प्रातःकालीन बीमारी से जोड़ा जाता है।
- (3) बार-बार मूत्र त्याग
- (4) थकावट
- (5) खाने की चीज़ से जी मितलाना या तीव्र चाहत
- (6) मूड में उतार चढ़ाव
- (7) निप्पल के आसपास का रंग गहरा हो जाना
- (8) चेहरे के रंग का काला पड़ना।
एक बार माहवारी का न होना क्या हमेशा गर्भ धारण का पहला चिन्ह माना जा सकता है?
एक बार माहवारी का न होना सामान्यतः गर्भ धारण का चिन्ह होता है, हालांकि किसी किसी महिला को उस समय के आसपास कुछ रक्त स्राव हो सकता है या धब्बे लग सकते हैं। हाँ, जिस औरत की माहवारी नियमित नहीं रहती उस को यह पता लगने से पहले कि वास्तव में माहवारी नहीं हुई अन्य प्रारम्भिक लक्षणों से पता चल सकता है।
गर्भकाल के दौरान यौन-सम्भोग करते रहना क्या सुरक्षित होता है?
कुछ दम्पतियों को गर्भकाल में सम्भोग करने से चिन्ता होती है। उन्हें गर्भपात का भय लगा रहता है। स्वस्थ महिला के सामान्य गर्भ की स्थिति में गर्भ के अन्तिम सप्ताहों तक कुछ दम्पतियों को गर्भकाल में सम्भोग करने से चिन्ता होती है। उन्हें गर्भपात का भय लगा रहता है। स्वस्थ महिला के सामान्य गर्भ की स्थिति में गर्भ के अन्तिम सप्ताहों तक सम्भोग सुरक्षित होता है। आप और आप का साथी आरामदायक स्थिति में सम्भोग कर सकते हैं।
महिलाओं में बहुमूत्र रोग का घरेलू इलाज.
महिलाओं में बहुमूत्र रोग को सोम रोग भी कहा जाता है, लेकिन अधिकांश महिलाओं को सोम रोग के विषय में पर्याप्त जानकारी नहीं होती। यहां तक कि इसके नाम से भी वे परिचित नहीं। सोम रोग का संक्षिप्त परिचय एक वाक्य में इस तरह दिया जा सकता है कि जैसे पुरुषों में बहुमूत्र रोग होता है वैसे ही स्त्रियों में सोम रोग होता है। स्त्रियों को होनेवाले बहुमूत्र रोग को ही कुछ लक्षणों के फर्क के कारण सोम रोग कहा जाता है। बहुमूत्र व सोम रोग में एक लक्षण समान है वह है मूत्रातिसार यानी बार-बार पेशाब अमाना।
बहुमूत्र रोग का कारण:- अति भोगविलासी जीवन जीने, अति मैथुन और कामुक आचरण करने, अनियमित आहार-विहार तथा खानपान में पथ्य-अपथ्य का पालन न करने से यह रोग होता है।
बहुमूत्र रोग के लक्षण:– स्त्री को जब यह रोग होता है तब शुरू-शुरू में निर्मल, शीतल पानी जैसा सफेद, साफ तथा गंध व पीड़ारहित जल योनिमार्ग से बार-बार बहने लगता है। कुछ दिनों बाद जब रोग पुराना हो जाता है तब यह मूत्रातिसार का रूप धारण कर लेता है, स्त्री मूत्र आवेग को रोक नहीं पाती और धीरे-धीरे शरीर कमजोर होता जाता है। कई बार तो मूत्र का आवेग इतना तीव्र होता है कि स्त्री के उठते-उठते पेशाब छूट जाता है। इस रोग में ‘सोम’ नामक धातु का शरीर से नाश होता जाता है। इसीलिए इसे सोम रोग की संज्ञा दी गई है। सोम धातु के क्षय से शरीर कमजोर हो जाता है, त्वचा रूखी, मुंह व तालू बार-बार सूखता रहता है। जम्हाई या अर्द्धमूर्च्छा की स्थिति बनी रहती है। खाने-पीने से तृप्ति न होना, पति के साथ सहवास करने की क्षमता न रहना इस रोग के अन्य लक्षण हैं।
बहुमूत्र रोग का उपचार
1. आंवले के बीजः आंवले के बीजों को पानी में पीसकर फिर शहद तथा चीनी मिलाकर पीने से सोमरोग में लाभ होता है। आंवला, शहद,मुलहठी तथा दूध मिलाकर सेवन करने से सोमरोग दूर हो जाता है |
2. आंवला व केलाः पका हुआ केला, आंवलों का रस, शहद तथा मिश्री को समभाग में मिलाकर इच्छानुसार सुबह-शाम नाश्ते के रूप में सेवन करते रहने से धीरे-धीरे सोम रोग दूर हो जाता है।
3. पथ्य आहारः सोमरोग से ग्रसित स्त्री को सुबह के नाश्ते में तथा रात को पानी में भिगोए हुए चने (बिना तले या भूनकर) खूब चबा-चबाकर खाने चाहिए। सुबह के भोजन के साथ एक गिलास छाछ में एक चम्मच लवणभास्कर चूर्ण घोलकर उसे एक-एक घूट करके पीना चाहिए। यहां यह भी ध्यान रखें कि सुबह व शाम का भोजन नियमित रूप से करें तथा दोपहर के बाद थोड़ा विश्राम करें।
4. अपथ्य आहारः सोम रोग होने की दशा में अधिक जल, शीतल पेय, फलों का रस, गन्ने का रस, चाय आदि का सेवन न करें। दिन में सोने की आदत, आलस्य, भय, शोक, चिंता, क्षमता से अधिक कार्य, देर रात तक जागना तथा पति के साथ सहवास न करें।
योनि रोग के कारण व घरेलू उपचार
योनि रोग कई प्रकार के होते हैं। इन रोगों में योनि का कठोर होना, योनि से दाहयुक्त रक्त बहना, मिश्रित रक्त बहना, योनि का अत्यधिक संकुचित होता, योनि में शूल या चींटी रेगने जैसी पीड़ा होना प्रमुख है। वस्तुत: यह सभी रोग अत्यधिक व असंयमित मैथुन का दुष्परिणाम होते हैं, फिर भी ज्यादा परिश्रम, नींद न लेना, क्रोध की अधिकता या योनि में हुए घाव भी इन रोगों को जन्म देते हैं। नियमित योनि की सफाई व संयमित मैथुन से इन रोगों से बचाव किया जा सकता है।
उपचार
जामुनः इलायची, धाय केफूल, मजीठ, जामुन, मोचरस, लाजवंती को कुट-पीसकर बारीक चूर्ण बना लें। इस चूर्ण को योनि में रखने से योनि की दुर्गध, योनि का गीला रहना व लिसलिसापन दूर हो जाता है।
आंवलाः ताजा आवलों का रस निकालकर शक्कर या मिश्री मिलाकर पीएं। तीन दिनों तक इस उपचार को करने से योनि की जलन समाप्त हो जाती है। गिलोय, हरड, आंवला व जमालघोटा को मिलाकर काढ़ा बना लें। ठंडा होने पर इस काढ़े से योनि को धोएं। इससे योनि की खुजली मिट जाती है।
अरंडीः अरंडी के बीजों को नीम के रस में पीसकर गोलियां बना लें। इन गोलियों को योनि में रखने अथवा इन्हें पानी के साथ पत्थर पर पीसकर योनि में लेप करने से योनिशूल दूर हो जाता है।
विशेष टिप्पणीः अधिकांश महिलाएं योनि रोगों से घिरी होती हैं। यह बात अलग है कि मान-मर्यादा, संकोची स्वभाव व लाज-शर्म के कारण ऐसा बहुत कम होता है कि योनि रोगों के लिए महिलाएं चिकित्सकों का परामर्श लेती हैं। वस्तुत: योनि रोगों का प्रमुख कारण यह माना जाता है कि स्त्रियां योनि को अंदर से धोने का ख्याल नहीं रखतीं जबकि विशेषज्ञों की राय है कि प्रतिदिन स्नान करते समय योनि को पानी व साबुन से भीतर तक अच्छी तरह धोना चाहिए। नित्य सफाई न होने से योनि के भीतरी भाग में मैल जमा हो जाता है जिससे दुर्गध आने लगती है, खुजली चलने लगती है, जलन होने लगती है, सफेद पानी की शिकायत होने लगती है। इसके अलावा भी अन्य कई रोगों का मार्ग प्रशस्त हो जाता है। अत: योनि रोगों से बचने का सबसे उत्तम उपाय उसकी नियमित साफ-सफाई है।
योनि के ढीला होने कारण व लक्षण
अप्राकृतिक व असुविधापूर्ण आसनों में तेज गति से सहवास करने, सहवास में अति करने, कृत्रिम साधनों से मैथुन करने तथा अति प्रसव करने के साथ-साथ शारीरिक कमजोरी के कारण कई स्त्रियों का योनिमार्ग ढीला तथा अत्यधिक विस्तीर्ण हो जाता है। जिससे सहवास करते समय सुख व आनंद की प्राप्ति नहीं होती।
उपचार
माजूफलः माजूफल का चूर्ण 30 ग्राम तथा फिटकरी व कपूर 3-3 ग्राम मात्रा में पीसकर तीनों को मिला लें। इस चूर्ण को एक महीन मखमल के साफ-सफेद कपड़े में रखकर छोटी-सी पोटली बनाकर मजबूत धागे से बांध दें। यहां ध्यान रखें कि पोटली से बंधा धागा लंबा रहे ताकि धागे को खींचकर पोटली बाहर खींची जा सके। रात को सोते समय इस पोटली को पानी में डुबोकर गीला कर लें एवं योनिमार्ग में अंदर तक सरका कर रख लें तथा सुबह निकाल कर फेंक दें।
यह प्रयोग कुछ दिनों तक करने से योनि तंग व सुदृढ़ हो जाएगी। मैनफल, मुलहठी और माजूफल को अलग-अलग कृट-पीसकर 50-50 ग्राम वजन में लेकर मिला लें। अब इसमें 25 ग्राम कपूर पीसकर मिला लें। अमलतास वृक्ष की छाल लाकर घर में रखें। छाल का एक टुकड़ा मोटा-मोटा कृटकर गिलास भर पानी में डालकर रात को रख दें। सुबह स्नान के समय मसल-छानकर इस पानी को योनि के भीतर डालकर अच्छी तरह धोएं। इसके पश्चात उपरोक्त चूर्ण की एक चम्मच मात्रा में थोड़ा शहद मिलाकर मोटा गाढ़ा लेप बनाकर योनि के अंदर अच्छी तरह से मल दें। यह प्रयोग कुछ दिनों तक करने से योनि पहले सी तंग व मजबूत हो जाएगी।
स्तन कैंसर के लक्षण
आरम्भ में स्तन के किसी भाग में गांठ सी बन जाती है लेकिन इसमें दर्द नहीं होता | जब यह गांठ कैंसर का फोड़ा बनकर फैलती है तो स्तन की दुग्ध उत्पादक नलियां प्रभावित होती हैं | उस स्थान पर सिकुड़न आ जाती है | यदि फोड़ा फैलता रहे तो सूजन हो जाती है और नीचे की मांसपेशियां भी प्रभावित होती हैं | इसलिए यह आवश्यक है कि प्रारंभ में थोड़ा-सा कष्ट होते ही इसकी जांच करवा ली जाए | जांच में यदि इस गांठ को विषयुक्त पाया जाए तो इसका इलाज ऑपरेशन है | ऑपरेशन द्वारा गांठ निकाल दी जाती है | इससे कैंसर के और अधिक फैलने की संभावना नहीं रहती |
जिन महिलाओं को कैंसर की संभावना हो, उन्हें चाहिए कि वे स्वयं अपनी छाती का परीक्षण करती रहें | यह परीक्षण एकांत में शीशे के सामने खड़े होकर निम्न प्रकार किया जा सकता है :
1. शीशे के सामने खड़े होकर दोनों बांहें दोनों बगलों की ओर करके देखें कि स्तन वाले भाग में कुछ भी असामान्य तो दिखाई नहीं देता? यदि एक ओर ऐसा दिखाई दे तो दूसरी ओर भी देखना चाहिए | यह देखना भी आवश्यक है कि त्वचा के रंग में किसी प्रकार का कोई परिवर्तन तो नहीं हुआ?
2. दोनों हाथ ऊपर उठाकर, सभी ओर से देखना चाहिए कि स्तनों में किसी प्रकार का परिवर्तन और दूध वाले निप्पल से किसी प्रकार का स्राव तो नहीं हो रहा? यदि कुछ भी असामान्य लगे तो तुरंत चिकित्सक की सलाह लें |
स्तनों का कैंसर रोकने के तरीके
स्तनों का कैंसर रोकने के तरीके:-
- सतन कैसर, जीवनशैली में बदलाव करने से जिन महिलाओं को कैंसर होने का अधिक खतरा होता है उनमे भी वह होने की संभावना कम हो जाती है।
- वजन पर नियंत्रण रखना आवश्यक है। रजोनिवृत्ति के बाद आने वाले मोटापे से कैंसर की संभावना बढती है।
- नियमित व्यायाम करने से शरीर की प्रतिरोधक शक्ति बढती है जिससे वजन और एस्ट्रोजन सही बना रहता है।
- नियमित रूप से शराब पिने से स्तनों का कैंसर होने का खतरा होता है। अंगूर का रस पिने से एस्ट्रोजन का स्तर नियंत्रण में रहता है जिससे कैंसर होने कम हो जाता है।
- सतन कैसर, फल और सब्जियों का कम चरबीयुक्त आहार लेने से स्तनों का कैंसर होने का धोका कम होता है और वह दुबारा होने की संभावना भी कम हो जाती है। ब्रोकोली और गोभी अधिक संरक्षण देते हैं। इन सब्जियों में सल्फोराफेन होता है। जो कैंसर के कोशिकाओं के गुणन को रोकता है। कच्ची सब्जियां और अधिक फायदेमंद होती हैं। दरअसल स्तन कैंसर को रोकने के लिए आहार आपके वजन नियंत्रण में एक बड़ी भूमिका निभाता है। अध्ययनों से पता चलता है कि फल और सब्जियों को आहार में लेने से और व्यायाम करने से अधिक वजन की महिलाओं में स्तन कैंसर का खतरा कम होता है।
- स्तन कैंसर के लक्षण, स्तन कैंसर वंशानुगत पाया गया है। माता-पिता से विरासत में मिली जीन शरीर के विभिन्न पहलुओं को नियंत्रित करती है।
- सतन कैसर, सभी महिलाओं को हर तीन साल में और 40 साल की उम्र के बाद हर साल अपने स्तनों की चिकित्सकीय जांच करना जरुरी है। परिवार में कैंसर के इतिहास की महिलाओं को परिवार की दूसरी कैंसरग्रस्त महिला के कैंसर निदान होने की आयु से कम से कम 10 साल पहले जांच शुरू करनी चाहिए। मैमोग्राम के अलावा एमआरआय और सोनोग्राम करवाने से युवा महिलाओं में स्तन कैंसर के निदान में अधिक उपयोग होता है।
- धुम्रपान करने से कैंसर का खतरा बढ़ता है और विशेष रूप से रजोनिवृत्ति की आयु के बाद की महिलाओं में यह संभावना अधिक होती है।
- सतन कैसर, शिशु को स्तनपान देने से कैंसर होने का खतरा कम होता है। जितने ज्यादा समय तक स्तनपान दिया जाय उतना ही कैंसर से सुरक्षा पाने का फायदा होता है।
- 3 से 4 साल तक हॉर्मोन की थेरेपी लेने से स्तन कैंसर होने की संभावना बढती है।
- विकिरण या प्रदुषण या ज्यादा प्रमाण पर क्ष किरण स्तन कैंसर होने का खतरा बढ़ाते हैं।
- कुछ शोधकर्ताओं ने स्तन का कैंसर और काम की जगह पाए जानेवाले रसायन इनमे संबंध होने का दावा किया है।
निष्कर्ष (Conclusion) : पुरे विश्व में महिलाओं में पाए जानेवाले कैंसर में स्तन कैंसर आम तौर पर पाया जाता है। विकसनशील देशों में इसका निदान देरी से होता है क्योंकि इसकी जांच समय पर नहीं की जाती। कैंसर न होने के लिए स्वस्थ आहार, शारिरिक व्यायाम, धुम्रपान और शराब से परहेज करना और मोटापा कम करना जरुरी है। गरीब देशों में स्तन कैंसर होने के कुछ कारण कम किये जा सकते हैं पर यह पूरी तरह से मिटाया नहीं जा सकता।
महिलाओं की सेक्स समस्याएं : सेक्सन इच्छा में कमी ?
महिलाओं में सेक्स के प्रति बेरुखी या इच्छा ना जागने की समस्या सबसे अधिक होती है। यह समस्या शारीरिक से अधिक मानसिक मानी जाती है। पारिवारिक कलह, रिश्तों में टेंशन या किसी बीमारी के कारण भी यह समस्या आ सकती है। इसके लिए डॉक्टर से सलाह लेनी चाहिए।
महिलाओं की सेक्स समस्याएं : गुप्त अंगों में खुजली ?
महिलाओं के गुप्त अंग में खुजली उनकी एक और अन्य सेक्स समस्या (Sex Problems of Women) है। इंफेक्शन, ठीक से सफाई ना करने, कब्ज, संभोग करने वाले पुरुष के गुप्त अंगों में इंफेक्शन आदि के कारण यह समस्या हो सकती है। यह समस्या कई बार साफ-सफाई रखने और सेक्स के दौरान कंडोम के प्रयोग से सही हो जाती है। अगर यह समस्या लगातार बनी रही तो डॉक्टर से सलाह लेनी चाहिए।
महिलाओं की सेक्स समस्याएं : ल्यूकोरिया ?
ल्यूकोरिया या सफेद पानी आने की समस्या (White Water Problem in Ladies) भी महिलाओं की आम समस्या है। इसमें गुप्त अंग से सफेद, चिपचिपा गाढ़ा पानी निकलता है। इसे श्वेत प्रदर (Vaginal Discharge) भी कहा जाता है। इसका अगर समय पर इलाज ना कराया जाए तो काफी हानिकारक सिद्ध होता है। इससे सेक्स में अरुचि पैदा होती है।
महिलाओं की सेक्स समस्याएं : चरमसुख या ऑर्गेज्म तक ना पहुंच पाना ?
इंटरकोर्स के दौरान स्त्रियों का चरमसुख तक ना पहुंच पाना भी एक आम सेक्स समस्या (Sex Problems of Women) है। यह समस्या मानसिक तनाव या सेक्स के दौरान दर्द आदि के कारण हो सकता है। कई बार सेक्स के प्रति अरुचि भी इसका कारण होता है। बेहतर ऑर्गेज्म ना होने के कारण कई शारीरिक समस्याएं भी हो सकती हैं। इससे बचने के लिए सेक्स से पहले फॉरप्ले पर भी ध्यान देना चाहिए और सेक्स के दौरान मन को भटकने नहीं देना चाहिए।
महिलाओं की सेक्स समस्याएं : इंटरकोर्स के दौरान दर्द ?
इंटरकोर्स के दौरान दर्द होना भी कई महिलाओं को सेक्स से दूर करता है। योनि में सूखेपन, सूजन या किसी इंफेक्शन आदि के कारण यह समस्या हो सकती है। इसके लिए एक अच्छाॉ लुब्रिकेंट (Lubricant) इस्तेयमाल करना चाहिए। अगर इससे भी आराम ना हो या इंटरकोर्स के दौरान लगातार दर्द हो तो डॉक्टर से सलाह लेनी चाहिए।
क्या है फीमेल कंडोम ?
फीमेल कंडोम का इस्तेमाल यौन संबंधों के समय गर्भ से बचने और एसटीडी रोगों की रोकथाम के लिए किया जाता है। यह पोलीयूरेथेन से बनी एक लंबी (Polyurethane) की थैली जैसी होती है। इसके दोनों छोर लचीले होते हैं और एक छोर पर रिंग होती है जिसे गुप्त अंग के बाहर सेट करना होता है। इसे पहनने से महिलाओं का प्राइवेट पार्ट पूरी तरह से ढँक जाता है और इंटरकोर्स के बाद स्पर्म इसी में इकठ्ठा होते हैं। इस तरह यह अनचाहे गर्भ से बचाव करता है।
कैसे करें महिला कंडोम का इस्तेमाल ?
पैकेट खोलकर पहनने के लिए एक ऐसा स्थान खोजिए जहां आप इसे आसानी से पहन सके। इसे खड़ा होकर पहनना सबसे आसान माना जाता है। शुरूआत में महिला कंडोम को इस्तेमाल करना थोड़ा मुश्किल होता है लेकिन धीरे-धीरे अभ्यास से इसे आसानी से प्रयोग किया जा सकता है।
कैसे पहनें महिला कंडोम को ?
(How to wear Female Condom इसके पैकेट पर इसके प्रयोग की विधि स्पष्ट रूप से लिखी होती है। इसमें दो रिंग होते हैं। आंतरिक रिंग को अच्छी तरह दबाकर अंदर डालना होता है। इसके बाद बाहरी रिंग को बाहर तक ले जाएं। एक बार कंडोम अंदर सेट हो जाए तो इंटरकोर्स किया जा सकता है। इसके बाद पुरुष के प्राइवेट पार्ट को बाहरी रिंग के अंदर डालते हुए आगे बढ़ना चाहिए। शुरुआत में थोड़ी समस्या होती है लेकिन अभ्यास से यह सही हो जाता है। बस इसे पहनते समय यह ख्याल रखना चाहिए कि बाहरी रिंग एक से कम एक इंच ऊपर हो.
नोट: एक बार इरेक्शन होने पर कंडोम को निकाल दें। एक बार इस्तेमाल हुआ कंडोम दोबारा प्रयोग ना करें
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